Tuesday, August 4, 2015

भूमि अधिग्रहण -एक विचार

बहुत समय से भूमि अधिग्रहण बिल लंबित है जो कि अब विपक्ष के दबाब के बाद उनकी मांग के अनुसार संशोधित करके संसद में पेश करने की तैयारी में है

कुछ और संशोधन जो शायद इस बिल को और स्वीकार्य बना सकते हैं

आज ग्रामीण क्षेत्र की भूमि व्यवस्था पूरी तरह पटवारी या लेखपाल के कब्ज़े में है ,और इस क़दर लाभ का वायस है कि अभी कुछ जगहों पर लेखपालों ने प्रमोशन लेने से इंकार कर अपने पद पर ही रहना स्वीकार्य किया,

इस दुरुभि संधि को तोड़ने के लिए सरकार भूमि संबंधी आंकड़े पहले से ही डेटा बैंक में डाल चुकी है,जो कि हर ग्राम सभा और तहसील के हिसाब से व्यवस्थित है.

गड़बड़ है नाप जोख की प्रक्रिया और चकबंदी,
जिसको कि पूरी तरह रॅंडम अलॉटमेंट द्वारा जो कि सुरक्षित सॉफ्टवेयर द्वारा भली भांति किया जा सकता है .

भूमि अधिग्रहण भी इसी सॉफ्टवेयर द्वारा आसानी से किया जा सकता है

जिस भी ग्राम सभा में जितनी भूमि सरकार को चाहिए वो उस भूमि की पूरी जरुरत को उस ग्राम सभा की पूरी उपलब्ध भूमि में से घटा कर फिर से चकबंदी द्वारा सभी भूमि मालिकों में बाँट दे और इस तरह मुआवज़ा भी हर भूमि मालिक को मिलेगा

जैसे अगर ग्राम सभा में 50000 गज भूमि अंकित है और सरकार को 15000 गज चाहिए तो बची हुई 35000 गज भूमि को पुराने शेयर के आधार पर आवंटित कर सकती है और 15000 गज का मुआवज़ा सारे ग्राम सभा के सदस्यों को दिया जा सकता है

यहाँ एक संशोधन ये भी हो सकता है कि जिस जिस व्यक्ति की भूमि अधिग्रहण में जा रही है उस से राय ली जा सकती है कि वो क्या चाहता है

अगर वो भूमि चाहता है तो उपरोक्त हिसाब से बंटवारा और अगर पैसा चाहता है तो पूरा पैसा दिया जाये ,इस तरीके में ग्राम सभा को दुबारा चकबंदी नहीं करनी होगी

अगर कुछ लोग पैसा और कुछ लोग भूमि चाहें तो वो भी इसी प्रकार व्यवस्थित हो सकता है

हाँ ये अधिग्रहण प्राइवेट बिल्डरों के लिए ना हो,उनको तो उनके द्वारा ही पैसा देकर भूमि खरीदने की अनुमति हो उसके बिना कोई प्रोजेक्ट ना बने ...

मोदीजी

विचार कीजिये 

याकूब मामला

शेख करता तो है

मस्ज़िद में

खुदा को सज़दे

उसके सजदों में असर हो

ये ज़रूरी तो नहीं ........

30 जुलाई 2015

ये तारीख हिंदुस्तान की तवारीख (इतिहास) में लिखी जायेगी

ये वो दिन था जिसने पूरी तरह ध्रुवीकरण कर दिया भारत का

एक तरह वो लोग जो 22 साल तक चले मुक़दमे के आधार पर मिली एक अपराधी को फांसी की सजा के पक्षधर थे

दूसरी तरफ वो लोग जो इतने के बावजूद एक अपराधी को निरपराध मुस्लिम के रूप में पेश करने पर आमादा

मोदी और बीजेपी के विरोध के चलते इतना गिर जायेंगे लोग सोचा ना था

एक साज़िश जिसने 257 मासूम लोगों को मौत के घाट उतार दिया,जिसमे हिन्दू और मुस्लिम दोनों थे ,

इन सेक्युलर लोगों में से किसी एक ने भी इन 22 सालों में इनमे से किसी एक भी परिवार की सुध लेने की कोशिश की क्या?

सुप्रीम कोर्ट के क़ाबिल वकील को
2007 से सुध क्यों नहीं आई जब फांसी की सजा दे दी गई थी ?

कॉंग्रेस के शासन में विस्फोट हुए,कोंग्रेस के शासन में जांच और याकूब की गिरफ़्तारी हुई,कॉंग्रेस के शासन में फांसी की सजा हुई,कॉंग्रेस के शासन में दया याचिका विलंबित रही

तब क्या सब सो रहे थे ?

रॉ के अफसर जो आज सरेंडर बता रहे हैं  क्या मुक़दमा चलने तक उनको मौका नहीं मिला था अपनी बात रखने का ?

सुविचारित ढंग से एक अपराधी को शहीद घोषित करने की साज़िश का सूत्र धार आखिर है कौन ?

किसका पैसा खर्च हुआ इतने लंबे मुक़दमे में और इस प्रायोजित केम्पेन में ?

जिसमें वकील,मुख्य धारा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,राजनेता तक शामिल हैं

सरकार को इन सभी लोगों के बैंक एकाउंट्स ,कॉल रेकॉर्ड्स और इनकम टैक्स रिटर्न की जांच करवाएं

आखिर इस अभियान की फंडिंग कहाँ से और कहाँ तक हुई

दूसरी तरफ एक भारत माँ का लाल चिर निद्रा में धरती की गोद में सो गया

इनमें से किसी को उसके लिए प्रार्थना करने की सुध नहीं आई

क्योंकि मुस्लिम होते हुए भी वो राष्ट्र के प्रति समर्पित ज्यादा था

एक सच्चा भारतीय डॉ कलाम

एक तरफ भारत का नाम ऊँचा करने वाला सपूत

दूसरी तरफ अपने ही देश की धरती खून से लाल करने वाला अपराधी

और जनाज़े में भीड़ दूसरे की ज्यादा थी

वक़्त है सँभालने का

संभलने का

आने वाले वक़्त में इस से बदतर चुनौतियाँ आने वाली हैं

पर विश्वास है इन सब से उबर कर बनेगा और रहेगा हमेशा

"मेरा भारत महान " 

Saturday, June 21, 2014

रेल किराया

"मोदी सरकार की रेल्वे को अत्याधुनिक बनाने की पहल"
कोई व्यक्ति यदि बांद्रा मुंबई से फालना की टिकिट निकालता हैं तो 330 रुपया होता हैं,यदि 14.5% रेल किराया बढ़ता हैं तो नया रेल किराया 375 होगा,मतलब 45 रुपया आपको एक्स्ट्रा चुकाने होंगे.
लेकिन ख्याल करो रेलवे प्लेटफोर्म पे पहुचते ही आपको एअरपोर्ट जेसी सुविधा मिलनी सुरु हो जाए.
आप ऐसी ट्रेन में सफ़र कर रहे होंगे जो एक दम साफ़ सुथरी हो.
Wi-Fi से साथ आप इन्टरनेट का आन्नद ले सकोगे.
आपके सिट पे ही मैगजीन न्यूज़ पेपर मिलेगा ताकि आपका सफ़र और आरामदायक हो.
आपकी सुरक्षा के लिए बोगी में हरदम सुरक्षा गार्ड तेनात होगा.
हर बोगी में cctv लगे होंगे
आपका सामान कोई चोरी ना कर पायेगा.
e-टिकिट के लिए 100 करोड़ के खर्च से एक ऐसा सोफ्टवेअर तेयार हो रहा हैं
जिसमे irctc सहित अन्य इन्टरनेट उपभोक्ताओ को इससे आपको शामिल किया जाएगा ताकि आप अपने मोबाइल से झट से टिकिट निकाल सको.
आपके सिर्फ 45 रूपया देने से लाखो लोगो के लिए रोजगार पैदा होगा.
क्या भारत निर्माण के लिए हम मोदीजी का इतना भी साथ नहीं दे सकते और सबसे बड़ी बात इस बार रेलवे मामा पवन बंसल के पास नहीं मोदीजी के सदानंदजी के पास हैं, जनता अच्छी तरह जानती हैं
की घोटाले नहीं होंगे.
और जो होगा देश हित में होगा.
     

Sunday, March 9, 2014

हम सब बेवकूफ

हम सब बेवकूफ हैं
कोंग्रेस फिर सफल हो रही है
हम सब को लगा दिया है 'आप '
विरोध में
हम अब कोंग्रेस विरोध नहीं करते
हमारी सारी उर्जा और फुटेज
कजरी खा रहा है
क्या ऐसे ही आएगी नमो की आंधी ?
सोचो
समझो
उतिष्ठ जाग्रत प्राप्य वरानी बोधत
।।

Thursday, March 6, 2014

मोदी 06/03/2014

आह ।। क्या सोचा था .... केजरीवाल आया था तो लगा था की सड़ांध भरी राजनीती में कोई तो बदलाव की बयार लाया है कोई तो है जो इन दोनों बड़ी पार्टियों को जनता की कीमत समझा रहा है पर हम गलत थे ये तो अराजकता वादी ही निकला निरंकुश वी पी सिंह का खुमार उतरने में तो कुछ साल फिर भी लगे थे पर केजरीवाल का बुखार तो चढ़ने से पहले ही उतर गया खैर हुई अब तो बस हर हर मोदी घर घर मोदी ।। इति शुभम ।

Wednesday, February 26, 2014

272 +

एक अनुरोध मोदीजी से आइये उत्तर प्रदेश लड़िए चुनाव आगरा से आपका जीतना तो तय है ही पर हमारा शहर अनुग्रहित हो जायेगा। आपकी प्रतीक्षा में समस्त आगरा वासी ।

Sunday, February 16, 2014

भगोड़ा सिपाही 16/02/2014

एक आम आदमी जिसको मौका मिला था इतिहास बदलने का खुद को ना बदल सका सड़क का आन्दोलन और सरकार चलाने में बहुत फर्क है ये ना समझ सका उद्देश्य सही थे रास्ता भी सही था पर क्या सिर्फ जनलोकपाल ही है एक मात्र तरीका भ्रष्टाचार हटाने का ? अरे जब तक जनलोकपाल कानून ना बने तब तक मौजूदा कानून से काम चलाया जा सकता है , आखिर अम्बानी और देवड़ा के खिलाफ f i r आपने मौजूदा कानून में ही की , तो इन्तजार क्यों नहीं किया अपनी अक्षमताओ को शहादत ना बताओ ये देश याद रखेगा तुम्हें अरविन्द पर एक अभिमन्यु की तरह नहीं ,जो लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त हुआ , बल्कि एक नक्सली की तरह ।जो व्यवस्था भंग करनेमें ही विश्वास रखते हैं ,सुधारने में नहीं ।। इति शुभम ।

Monday, January 20, 2014

आज का अर्जुन 20/01/2014

मैं दिल से चाहता हूँ कि मोदीजी अगले
प्रधान मंत्री बनें ।
पर साथ ही देश की राजनीती में
जो प्रतिमान अरविन्द ने
बनाये ,जो विचार धारा उन्होंने प्रस्तुत
की उसका भी समर्थक हूँ ।
नेता तथा सरकारें जनता के
द्वारा ,जनता के लिए काम करनी चाहिए

पर अरविन्द आज का अभिमन्यु है ।
जो कि कांग्रेस तथा अपने ही कुटिल
साथियों के चक्र व्यूह में फंस कर
मारा जायेगा ।
ये चक्र व्यूह एक अर्जुन ही तोड़
सकता है ।
इस अभिमन्यु को आज के अर्जुन
मोदीजी से सीखना था और साथ
रहना था ।पर अफ़सोस......
अब तो अर्जुन को ही ये महाभारत
जीतना होगा ।।।

Friday, January 3, 2014

मिशन 2014

हमारे आगरा में बीजेपी हर बार
जीतती है
।उसका कारण बीजेपी का संगठन
नहीं बल्कि हम लोगों की निष्ठां है ।
पिछले विधान सभा चुनाव में
जहाँ सपा की लहर
थी वहां भी आगरा की 7 विधान
सभा सीट्स में से 6 बीजेपी जीती ।पर
टिकट वितरण की गलत कार्य
प्रणाली बीजेपी को इतना नुकसान
पंहुचा सकती है की मोदी जी के प्रयास
और नाम निष्फल हो जायेंगे ।
जरुरत तो इस बात की भी बहुत है
कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं
वहां उनका काम काज बेहतर हो ।जब
मनोहर जी गोवा में पेट्रोल, डीजल
की रेट
बिकवा सकते हैं तो बाकी राज्य
क्यों नहीं ?जनता की सुविधा के लिए
वैट
कम करे सभी चीजो पर और अफसर
तथा नेता गठजोड़ द्वारा हडपे जा रहे
धन
पर रोक थाम की जाये ।जिससे राजस्व
की कमी होगी ही नहीं ।क्यों ऐसा है
की मध्य प्रदेश के किसी चपरासी के
घर
में पड़े लोकायुक्त के छापे में भी 10
करोड़ से कम बरामद नहीं होते ।इस
भ्रष्ट व्यवस्था पर लगाम लगाने
की बहुत जरुरत है
बीजेपी सरकारों द्वारा ।क्युकी अगर
अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति है
2014 में ।भगवान बीजेपी नेताओ
को सदबुद्धि दे आमीन ।

Friday, December 27, 2013

दिल्ली पुराण 27/12/13

भाई लोगों , जरा अरविन्द को छ: महीने को मोहलत तो दो कुछ कर दिखाने के लिये । अब छ: महीने तक तो कांग्रेस भी मजबूर है अरविन्द को झेलने के लिये। इस से पहले तो समर्थन भी वापस नहीं ले सकती वो। हम सब चाहते हैं कि हमारा देश भ्रष्टाचार मुक्त हो चाहे वो अरविन्द करे या मोदीजी । मोदीजी अपने आप को साबित कर चुके हैं । अरविन्द को करना बाकी है । अगर अरविन्द ना कर पायें लोकसभा चुनाव तक तब खूब गरिया लेना उसको सब लोग । पर किसी को शुरू तो करने दो भई । अगर अरविन्द सफल हुए तो देश का भला होगा ।अगर असफल हुए तो उनको वोट करने वालो को सबक मिलेगा ।अंततः भारत का भला होना निश्चित है ।।